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स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सेना जवान की मौत, पसरा मातम, क्षेत्रवासियों ने मांगा सैन्य सम्मान और शहीद का दर्जा

आज़ादी के जश्न की तैयारियों में डूबा श्रीडूंगरगढ़, आज एक गमगीन खबर से सहम गया। गांव लिखमीसर उत्तरादा में मातम पसरा है, क्योंकि गांव के लाल, 23 वर्षीय राकेश जाखड़, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए।

किशनलाल जाखड़ के पुत्र राकेश ने तीन वर्ष पूर्व अग्निवीर के रूप में भारतीय सेना में अपनी सेवा शुरू की थी। वर्तमान में वे कश्मीर में तैनात थे। सूत्रों के अनुसार, गुरुवार की शाम राकेश अपनी भाभी के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपने गांव लौट रहे थे। दुर्भाग्यवश, ऊपनी और बाना के बीच एक मोड़ पर उनकी मोटरसाइकिल एक तेज़ रफ़्तार बस से टकरा गई।

टक्कर इतनी भीषण थी कि मोटरसाइकिल का अगला हिस्सा बस के नीचे बुरी तरह से धंस गया। अग्निवीर राकेश गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अफ़सोस, रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। उपजिला अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

जैसे ही परिजनों को इस हृदयविदारक घटना की सूचना मिली, वे बदहवास अस्पताल की ओर दौड़े। हैड कांस्टेबल देवाराम पुलिस दल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी है। खबर मिलते ही पूर्व विधायक गिरधारीलाल महिया भी उपजिला अस्पताल पहुंचे और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी।

इस दुखद घटना के बाद, राकेश के सम्मान और शहीद के दर्जे की मांग उठने लगी है। पूर्व विधायक गिरधारीलाल महिया ने सरकार से राकेश को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने और शहीद का दर्जा देने की अपील की है। गांव के युवा भी बड़ी संख्या में अस्पताल में जमा हो गए हैं और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की मांग कर रहे हैं। ओमप्रकाश भुंवाल ने बताया कि पूरा गांव चाहता है कि राकेश को पूरे राजकीय सम्मान के साथ विदा किया जाए। शहीद सम्मान समिति के सीताराम सियाग ने इस संबंध में जिला सैन्य अधिकारी से बात कर सैन्य सम्मान सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।

राकेश, अपने परिवार में तीन बहनों के इकलौते भाई थे। उनके सेना में भर्ती होने के बाद, परिवार उनके विवाह के सपने देखने लगा था। उनकी असामयिक मृत्यु से परिवार गहरे सदमे में है। पूरे गांव में शोक की लहर है और हर कोई नम आंखों से परिवार को ढांढस बंधा रहा है।

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