बैठक की अध्यक्षता करते हुए भंवरलाल भुंवाल ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ पूरे क्षेत्र में आंदोलन को व्यापक बनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक गिरधारीलाल महिया ने भी स्मार्ट मीटर के विरोध में पुरजोर आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि अब कमर कसकर इस लड़ाई को आगे बढ़ाने का समय आ गया है।
महिया ने घोषणा की कि आगामी 19 अगस्त को बिजली विभाग के कार्यालय का घेराव किया जाएगा। उनका कहना था कि स्मार्ट मीटर बिजली उपभोक्ताओं, किसानों और मजदूरों को लूटने की एक साजिश है। इस प्रणाली में मोबाइल की तरह पहले मीटर को रिचार्ज करना होगा, जिसका अर्थ है कंपनियों को अग्रिम में भारी धनराशि देना। महिया ने यह भी कहा कि प्रीपेड मीटर प्रणाली के कारण आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल भरना मुश्किल हो जाएगा।
महिया ने राज्य सरकार द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए गए क्षेत्रों में पारंपरिक मीटरों की तुलना में चार गुना अधिक बिजली बिल आने की बात कही। उन्होंने बताया कि घेराव के दौरान स्मार्ट मीटर के अलावा, गोजा लट्ट से खराब फसलों का बीमा क्लेम, पूरी बिजली की मांग, खेतों में बिजली के खंभों के ढीले तारों में अंडरपोल लगाने, पुराने तारों की जगह नए तार लगाने, और डिमांड नोटिस भर चुके किसानों को ट्रांसफार्मर और अन्य सामान जल्द उपलब्ध करवाने की मांग भी की जाएगी।
बैठक में माकपा तहसील सचिव मुखराम गोदारा, गिरधारी जाखड़, राजेंद्र जाखड़, मुखराम नायक, सरपंच सुनील मेघवाल, सरपंच सुनील मलिक, उपसरपंच लालचंद सारण, मालाराम सांसी, दानाराम प्रजापत, शेखर रैगर, पूर्व सरपंच पुरखाराम गोदारा, पूर्व सरपंच भागीरथ सुथार, सोहन बाना, तोलाराम पारीक, खेतनाथ सिद्ध, उपसरपंच रामलाल मेघवाल लिखमादेसर, भोमाराम जाखड़, गोविंद लालासर, सुखराम महिया, गणपतराम कल्याणसर, ओमप्रकाश कस्बां, मनोहरलाल कड़वासरा, रामरख डेलू, जावेद बेहलीम, मामराज गोदारा सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे, जिन्हें 19 अगस्त के प्रदर्शन की तैयारी के लिए जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
इस बैठक ने क्षेत्र में स्मार्ट मीटर के विरोध को और हवा दी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि 19 अगस्त को होने वाला घेराव इस मुद्दे को किस दिशा में ले जाता है।