ट्रस्ट के अध्यक्ष और पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह समाज के लोगों को एक साथ लाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।
बैठक में निर्माणाधीन वीर तेजाजी मंदिर के निर्माण कार्य की प्रगति पर भी गहन चर्चा हुई। ट्रस्ट का लक्ष्य है कि मंदिर का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा हो और भव्य मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा उत्सव का आयोजन किया जा सके।
मंदिर निर्माण में आर्थिक सहयोग की बात पर, यह प्रस्ताव रखा गया कि समाज के उन बंधुओं से संपर्क किया जाए जो अभी तक सहयोग राशि नहीं दे पाए हैं। उन्हें मंदिर के निर्माण में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करने का निर्णय लिया गया।
ट्रस्ट की अगली बैठक 30 अगस्त 2025 को आयोजित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें जागरण संबंधी जिम्मेदारियां सदस्यों को सौंपी जाएंगी।
इस अवसर पर मंगलाराम गोदारा ने समाज बंधुओं से मंदिर निर्माण, धर्मशाला के रखरखाव और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उदारतापूर्वक सहयोग करने की अपील की।
ट्रस्ट के चांदराम चाहर ने मंदिर निर्माण के आय-व्यय का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
बैठक में छात्रावास समिति के अध्यक्ष श्यामसुदंर आर्य, कांग्रेसी नेता हेतराम जाखड़, किसान संगठन के पूनम नैण, तुलछीराम गोदारा, शिक्षाविद् आदुराम जाखड़ समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने मेले को सफल बनाने और समाज को एकजुट रखने के महत्व पर ज़ोर दिया।
बैठक का संचालन लखासर सरपंच प्रतिनिधि गोरधन खिलेरी ने कुशलतापूर्वक किया।
बैठक में श्रीडूंगरगढ़ और आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में समाज बंधुओं ने भाग लिया, जिनमें मामराज गोदारा समंदसर, गोपाल सायच, सत्यनारायण बेरड़, पेमाराम गोदारा शेरुणा सहित कई प्रमुख नाम शामिल थे।
मेला कमेटी ने बैठक में भाग लेने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी के सहयोग की अपेक्षा जताई। यह बैठक श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में एकता, सद्भाव और धार्मिक उत्साह का प्रतीक बनी।