श्रीडूंगरगढ़ ONE 24 जुलाई 2025। श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में बुधवार को एक औपचारिक कार्यक्रम आयोजित कर 50 हजार रुपए से अधिक नगरीय विकास कर (यूडी टैक्स) देने वालों का सम्मान किया गया। लेकिन पालिका से आ रही अजब-गजब खबर तो यह है कि पालिका प्रशासन ने एक और जहां इन शहरवासियों का सम्मान किया, वहीं दूसरी और इनके निर्माण कार्यों पर जेसीबी चलाने के लिए तैयार है। ऐसे में क्षेत्र के आमजन एवं निर्माण करवाने वाले तो दोहरे रूप से पिस रहे है। आवश्यकता है कि वर्षों पूर्व बने इन कटलों को बनाने वालों को एवं कटलों में बनी दुकानों के दुकानदारों को न्याय मिले। पढ़ें पूरा मामला।
25 से अधिक मुकदमें कर रखें है पालिका ने, चल रही है तारीख पर तारीख।
श्रीडूंगरगढ़ ONE। श्रीडूंगरगढ़ शहर में अपना आवासीय या व्यवसायिक भवन का निर्माण कार्य करवाने के लिए नगरपालिका द्वारा निर्माण स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही निर्माण करवाने का नियम है। इस नियम के तहत शहर में निर्माण कार्य नियमानुसार होने, तथा एक बड़ा हिस्सा राजस्व एकत्र करना लक्ष्य है, परंतु श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका इस मामले में खासी पिछड़ी हुई रही है। यहां से निर्माण एनओसी प्राप्त करना बड़ा मुश्किल है एवं इसी कारण शहर में लगभग अधिकांश निर्माण बिना पालिका की स्वीकृति के ही हो रहें है। शहर के विकास का माध्यम बने बाजार के कटले एवं व्यवसायिक कॉम्लेक्स भी समय की जरूरत के साथ बनते गए, लेकिन नगरपालिका द्वारा उन्हें निर्माण स्वीकृति दी ही नहीं गई। ऐसे में वर्ष 2017 में लोकायुक्त में हुई एक शिकायत के बाद नगरपालिका ने शहर में बने हुए कटलों पर जेसीबी चला कर तोड़ने की कवायद भी शुरू कर दी। पालिका के इस निर्णय का विरोध होने पर पालिका ने वर्ष 2017 में 25 लोगों के खिलाफ न्यायालय में नगरपालिका एक्ट की धारा 167 के तहत फौजदारी मामला दर्ज करवाया था और भारी जुर्माना लगाने, दंडित करने का दावा किया। इन 25 में से 4 व्यक्ति तो दिवंगत भी हो गए है और मामलों का पटाक्षेप हो गया। शेष 21 व्यक्तियों के खिलाफ पालिका अभी भी न्यायालय में अपना पक्ष रख रही है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
करोड़ों की आय छोड़ी और जनता परेशान हुई सो अलग।
श्रीडूंगरगढ़ ONE। नगरपालिका द्वारा जिन 25 लोगों के खिलाफ कटले, प्लाजा बिना स्वीकृति के अवैध रूप से बनाने के आरोप में मामले दर्ज करवाए गए है। उनमें एक तो पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा का नाम भी शामिल है। इसी से समझा जा सकता है कि श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में निर्माण स्वीकृतियां लेनी कितनी मुश्किल है। यदि ये निर्माण स्वीकृतियां समय पर दी जाती, तो पालिका को करोड़ों रुपए की आय केवल इन 25 निर्माण स्वीकृतियों से ही प्राप्त हो सकती थी। ऐसे में पालिका को आय का नुकसान तो हुआ ही, साथ ही जनता को भी परेशान होना पड़ा है।
“ये प्रकरण मेरे आने से पहले से चल रहें है एवं उस समय क्या स्थितियां थी, उनके बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। जिन निर्माणों से यूडी टैक्स वसूला गया है, अगर उनमें निर्माण स्वीकृतियां नहीं है, तो यूडी टैक्स को स्वीकृति या पालिका की सहमति नहीं मान सकते। यूडी टैक्स तो शहरवासियों का कर्तव्य है कि वे शहर में कोई भी व्यवसायिक गतिविधि करते है, तो पालिका को टैक्स चुकांए – अविनाश शर्मा, अधिषाशी अधिकारी, नगरपालिका श्रीडूंगरगढ़।