16 अगस्त, 2025 की आधी रात को श्रीडूंगरगढ़ के एक गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई। एक 21 वर्षीय युवती को उसकी ढाणी के बाहर से चार युवकों ने बलपूर्वक गाड़ी में बैठाकर अगवा कर लिया। आरोप है कि उसे लगभग 12 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया और उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
कहानी में एक नया मोड़ तब आया जब पुलिस युवती को एसपी कार्यालय में पेश करने के लिए ले जा रही थी। श्रीडूंगरगढ़ थाना पुलिस ने नाकेबंदी के दौरान उसे बरामद कर लिया। इसके बाद पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।
अपनी आपबीती सुनाते हुए पीड़िता ने पुलिस को बताया कि मुख्य आरोपी देवेंद्र पूनियां, जो बेरासर, राजगढ़ का रहने वाला है और एक डिफेंस एकेडमी चलाता है, लंबे समय से उसका पीछा कर रहा था। पीड़िता का भाई उसी एकेडमी में पढ़ता है। आरोप है कि देवेंद्र ने उसे दो-तीन बार अगवा करने की धमकी भी दी थी।
पीड़िता के अनुसार, 27 जुलाई, 2025 को रात करीब 11 बजे देवेंद्र अपनी गाड़ी लेकर उसकी ढाणी के बाहर आया और हॉर्न बजाया। जैसे ही पीड़िता गेट से बाहर निकली, देवेंद्र और उसके दो साथियों ने उसे जबरदस्ती कार में बैठा लिया। आरोप है कि देवेंद्र ने पिस्तौल निकालकर उसे धमकाया और जबरदस्ती जयपुर स्थित अपने रिश्तेदार के घर ले गया। वहां, उसे चाय में नशीला पदार्थ दिया गया और आर्य समाज के मंदिर ले जाकर कुछ कागजातों पर हस्ताक्षर करवाए गए।
पीड़िता का आरोप है कि इसके बाद 6 अगस्त तक उसे बंधक बनाकर रखा गया और देवेंद्र ने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। 7 अगस्त को देवेंद्र उसे बीकानेर एसपी के यहां पेश करने के लिए ले जा रहा था। पीड़िता ने बताया कि देवेंद्र ने उसे दो पिस्तौल दिखाईं और शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी दी।
रात करीब 4 बजे श्रीडूंगरगढ़ पुलिस की नाकेबंदी में युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। पीड़िता के पिता को थाने बुलाया गया, जिन्होंने पहले ही थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा रखी थी। पुलिस ने पीड़िता को उसके पिता को सौंप दिया।
पीड़िता ने यह भी बताया कि देवेंद्र उसे पानी और चाय में नशे की गोलियां मिलाकर देता था। 12 अगस्त को पीड़िता ने श्रीडूंगरगढ़ थाने में मामला दर्ज करवाया, जिसकी जांच सीओ निकेत पारीक कर रहे हैं। यह घटना समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करती है।