श्री डूंगरगढ़ टुडे, 4 अप्रैल 2025 – कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट (DM) बनना हर युवा का सपना होता है, जो प्रशासनिक सेवा में जाकर देश और समाज की सेवा करना चाहता है। लेकिन कलेक्टर बनने का सफर आसान नहीं है। इसके लिए कठिन परिश्रम, सही रणनीति और धैर्य की जरूरत होती है। आज हम आपको बताएंगे कि कलेक्टर कैसे बना जाता है और इस लक्ष्य को पाने के लिए किन-किन चरणों को पार करना पड़ता है।
कलेक्टर कौन होता है?
कलेक्टर एक जिला स्तर का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है, जिसे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के तहत नियुक्त किया जाता है। वह जिले की कानून-व्यवस्था, विकास कार्यों और प्रशासनिक गतिविधियों की देखरेख करता है।
कलेक्टर बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं
- शैक्षणिक योग्यता: कलेक्टर बनने के लिए उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduate) होना जरूरी है।
- आयु सीमा:
- सामान्य वर्ग के लिए: 21 से 32 वर्ष
- ओबीसी वर्ग के लिए: 21 से 35 वर्ष
- एससी/एसटी वर्ग के लिए: 21 से 37 वर्ष
- प्रयासों की संख्या:
- सामान्य वर्ग: 6 प्रयास
- ओबीसी वर्ग: 9 प्रयास
- एससी/एसटी: कोई सीमा नहीं
कलेक्टर बनने की प्रक्रिया
कलेक्टर बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) को पास करना होता है। यह परीक्षा तीन चरणों में होती है:
1. प्रारंभिक परीक्षा (Prelims)
- इसमें दो पेपर होते हैं:
- सामान्य अध्ययन (General Studies)
- सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT)
- यह केवल क्वालिफाइंग नेचर की होती है, इसके अंक मेरिट में नहीं जोड़े जाते।
2. मुख्य परीक्षा (Mains)
- इसमें 9 पेपर होते हैं:
- निबंध (Essay)
- चार पेपर सामान्य अध्ययन के (GS-1, GS-2, GS-3, GS-4)
- दो वैकल्पिक विषय (Optional Subject) के पेपर
- दो भाषा के पेपर (Qualifying – English और एक भारतीय भाषा)
- इसमें प्राप्त अंक मेरिट सूची में जोड़े जाते हैं।
3. साक्षात्कार (Interview)
- यह परीक्षा का अंतिम चरण होता है, जिसमें अभ्यर्थी के व्यक्तित्व, ज्ञान और तर्क शक्ति की जांच की जाती है।
UPSC परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
- समाचार पत्र पढ़ें: करेंट अफेयर्स के लिए रोज़ अखबार पढ़ें (The Hindu, Indian Express आदि)।
- NCERT किताबें पढ़ें: बेसिक क्लियर करने के लिए 6th से 12th तक की NCERT बुक्स पढ़ें।
- मॉक टेस्ट दें: परीक्षा पैटर्न को समझने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए नियमित रूप से मॉक टेस्ट दें।
- नोट्स बनाएं: महत्वपूर्ण टॉपिक्स के छोटे-छोटे नोट्स तैयार करें ताकि अंतिम समय में रिवीजन आसान हो।
- समय प्रबंधन करें: एक प्रभावी टाइम टेबल बनाकर प्रतिदिन कम से कम 6-8 घंटे पढ़ाई करें।
कलेक्टर बनने के बाद क्या होता है?
UPSC परीक्षा पास करने के बाद IAS अधिकारी बनने के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी में ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के बाद उन्हें सहायक कलेक्टर (Probationary Officer) के रूप में किसी जिले में नियुक्त किया जाता है। इसके बाद उन्हें प्रमोशन मिलते रहते हैं और वे अंततः जिला कलेक्टर बनते हैं।
निष्कर्ष
कलेक्टर बनना एक कठिन लेकिन सम्मानजनक लक्ष्य है। अगर आप कड़ी मेहनत, अनुशासन और सही रणनीति के साथ तैयारी करते हैं, तो यह पद हासिल करना संभव है।
अगर आप भी प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं, तो आज ही तैयारी शुरू करें और अपने सपने को साकार करें। श्री डूंगरगढ़ टुडे आपको उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देता है!