राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एक्स-रे और सोनोग्राफी की सुविधाएँ बढ़ाने के बाद, अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और जिला अस्पतालों में खून और यूरिन से संबंधित 145 तरह की जांचें आउटसोर्सिंग के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
इन जांचों में शुगर, थायराइड, किडनी और लिवर फंक्शन टेस्ट, विटामिन बी-12 जैसी महत्वपूर्ण जांचें शामिल हैं। वर्तमान में, इन जांचों के लिए मरीजों को जिला मेडिकल कॉलेज या उनसे जुड़े अस्पतालों का रुख करना पड़ता था। इस नए निर्णय से, मरीजों को अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ही ये सुविधाएँ मिल सकेंगी, जिससे उन्हें लंबी दूरी तय करने और समय बर्बाद करने से मुक्ति मिलेगी।
जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने दिल्ली और पुणे की दो कंपनियों को नवंबर के अंत तक यह सुविधा शुरू करने का समय दिया है, ताकि दिसंबर से पहले आम जनता को इसका लाभ मिल सके।
सरकार का मानना है कि इस पहल से प्रदेश के बड़े मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबद्ध अस्पतालों में मरीजों का भार कम होगा, जिससे वे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं को विकेंद्रीकृत करने और आम आदमी तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
आज पंचायत समिति के सभागार में उपखंड स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया जा रहा है। उपखंड अधिकारी शुभम शर्मा की अध्यक्षता में होने वाली इस जनसुनवाई में क्षेत्र के लोग अपनी समस्याओं के निवारण के लिए सीधे अपनी बात रख सकेंगे। प्रशासन द्वारा मौके पर ही समस्या समाधान के प्रयास किए जाएंगे। जनसुनवाई में सभी विभागों के प्रतिनिधि अधिकारी भाग लेंगे। यह जनसुनवाई सुबह 10 बजे प्रारंभ होगी, जिसमें नागरिकों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए एक मंच मिलेगा।