श्री डूंगरगढ़ (राजस्थान) – गौरव पथ रोड भेरूजी के पास नगर पालिका की लापरवाही से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि नालियों से गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है और जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है। नालियों की सफाई के लिए कोई कर्मचारी नहीं दिखता और न ही कोई नियमित व्यवस्था नजर आ रही है।

मोदी सरकार का बहुचर्चित ‘स्वच्छ भारत अभियान’ श्री डूंगरगढ़ में शायद गूगल मैप पर रास्ता ढूंढ़ रही है, क्योंकि ज़मीनी हकीकत तो कुछ और ही बयान कर रही है।
नगर पालिका पूरी तरह से नींद में नजर आ रही है। नालियों में कूड़ा, गंदा पानी और प्लास्टिक की थैलियां ऐसे बह रही हैं जैसे ये कोई नगरपालिका का सौंदर्यीकरण अभियान हो। सफाई कर्मचारी तो शायद गायब हो गए हैं या फिर गुप्त सेवा में लगे हैं – क्योंकि सड़क पर उनकी मौजूदगी का कोई नामोनिशान नहीं।
अभी तो पूरे शहर में भाजपा का झंडा लहरा रहा है – नगर पालिका भी भाजपा की, विधायक भी भाजपा का, राज्य सरकार भी भाजपा की और केंद्र में तो ‘डबल इंजन’ की सरकार है। लेकिन हालात देखकर लगता है जैसे इंजन तो हैं, पर ट्रैक पर गंदगी की वजह से ट्रेन रुकी हुई है।




गौरव पथ का नाम सुनते ही लगता है जैसे यह कोई स्वच्छ और सुंदर मार्ग होगा, लेकिन असल में यह ‘गौरव’ कम और ‘गंदगी’ ज़्यादा बिखेरता है। शायद इस रास्ते को देखकर ही ‘गौरव’ नाम के लोग भी नाम बदलने का सोचने लगें।
अब सवाल उठता है – क्या स्वच्छ भारत अभियान केवल कैमरे और भाषणों तक सीमित है? क्या पोस्टरों की सफाई ही असली सफाई है? और क्या जनता को इसी गंदगी में जीने की आदत डाल लेनी चाहिए?
स्थानीय जनता का कहना है कि अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो गंदगी से पहले बीमारियां फैलेंगी और फिर जनता के सब्र का बांध टूटेगा।