WhatsApp Menu
आमजन के लिए कुछ जरूरी खास खबरें पढ़ें एकसाथ:-  |  ढाणी से भाई के साथ राखी लेने बाजार आई बहन, दुकान के बाहर से हुई लापता, भाई ने पुलिस से ढूंढ लाने की गुहार लगाई।  |  गाय व बछड़ी पहुंचाने जा रहें दो जनों से दो भाइयों सहित कुछ युवकों ने की मारपीट, बनाए वीडियो, वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने के आरोप में मामला दर्ज।  |  98 साल की उम्र में धर्मचंद स्वर्णकार का जज़्बा…श्मशान भूमि में पौधा लगाया, पैदल किया पूरा परिसर भ्रमण  |  घरों में सो रहे लोग भी सुरक्षित नहीं, चार घरों में घुसे दो चोर, चार मोबाइल और राखी पर घर आई बहनों के गले से सोने के हार तोड़ कर ले गए।  | 

10 अगस्त के पंचांग के साथ पढें और भी कई खास बातें के साथ..

आज का पंचांग

आज, 10 अगस्त 2025, श्रीडूंगरगढ़ में, पंचांग के अनुसार, तिथि प्रतिपदा है जो दोपहर 12:12 बजे तक रहेगी। नक्षत्र धनिष्ठा दोपहर 01:53 बजे तक रहेगा। करण कौलव और तैतिल हैं, जिसमें कौलव करण दोपहर 12:12 बजे तक है। पक्ष कृष्ण है और योग शोभन है, जो 00:02 AM तक रहेगा। आज वार रविवार है।

* सूर्योदय: 06:00 AM
* चन्द्रोदय: 08:07 PM
* चन्द्र राशि: कुम्भ
* सूर्यास्त: 07:17 PM
* चन्द्रास्त: 06:45 AM
* ऋतु: वर्षा

* शक सम्वत: 1947 विश्वावसु
* काली सम्वत: 5126
* विक्रम सम्वत: 2082
* मास अमांत: श्रावण
* मास पूर्णिमांत: भाद्रपद

* अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:12 PM से 01:05 PM तक

* दुष्टमुहूर्त: शाम 05:31 PM से 06:24 PM तक
* कंटक: सुबह 10:26 AM से 11:19 AM तक
* यमघण्ट: दोपहर 01:58 PM से 02:51 PM तक
* राहु काल: शाम 05:37 PM से 07:17 PM तक
* कुलिक: शाम 05:31 PM से 06:24 PM तक
* कालवेला/अर्द्धयाम: दोपहर 12:12 PM से 01:05 PM तक
* यमगण्ड: दोपहर 12:39 PM से 02:18 PM तक
* गुलिक काल: दोपहर 03:58 PM से 05:37 PM तक

भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ

(यहाँ पर दिन और रात के चौघड़िया की जानकारी दी गई है)

(यहाँ पर विभिन्न लग्नों के समय की जानकारी दी गई है)

रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। तांबे के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें और यथासंभव मीठा भोजन करें। मान्यता है कि ऐसा करने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है और पितृ कृपा मिलती है। इसके अतिरिक्त, रविवार को भैरव जी के दर्शन और आराधना से भय और संकट दूर होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

home होम layers फटाफट mic ऑडियोज़ smart_display शॉर्ट्स theaters शोज़