कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सरोज पूनियां ने तुलसीदास के दोहों और चौपाइयों की प्रामाणिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने परिषद द्वारा आयोजित इस साहित्यिक कार्यक्रम को भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बताया।
मुख्य वक्ता रविन्द्र उपाध्याय ने तुलसीदास के जीवन पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार तुलसीदास ने कठिनाइयों का सामना करते हुए राम भक्ति और श्रद्धा का संदेश दिया। उन्होंने रामचरितमानस और हनुमान चालीसा की रचना के इतिहास पर भी जानकारी दी।
तेरापंथ महिला मंडल संरक्षिका दीपमाला डागा भी मंच पर उपस्थित थीं। परिषद की इकाई अध्यक्ष भगवती पारीक ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत सेवा कुंज छात्रावास की बालिकाओं द्वारा दीप मंत्रोच्चारण और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई।
कार्यक्रम में अंबिका डागा, कमल कुमार और आसाराम पारीक ने भी अपने विचार व्यक्त किए। राजस्थानी कवि और साहित्यकार छैलूदान चारण ने मंच संचालन करते हुए बेटी पर एक कविता प्रस्तुत की, जिससे श्रोता भावुक हो गए।
समारोह में विभिन्न संस्थाओं के गणमान्य नागरिक, प्रबुद्धजन, अध्यापक और मातृ शक्ति सहित सेवा धाम के बालक-बालिकाएं शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक माणकचंद को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।