आज श्रीडूंगरगढ़ में पंचांग के अनुसार, दिन की शुरुआत शुभता और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण है। पंचांग, जो भारतीय कालगणना का अभिन्न अंग है, न केवल समय का लेखा-जोखा है, बल्कि यह जीवन को शुभ और मंगलमय बनाने का भी मार्ग दिखाता है।
आज शनिवार है और भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। शास्त्रों में तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण के श्रवण और पठन का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि तिथि के श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है, वार के श्रवण से आयु में वृद्धि होती है, नक्षत्र के श्रवण से पापों का नाश होता है, योग के श्रवण से प्रियजनों का प्रेम बना रहता है और करण के श्रवण से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आज सूर्योदय सुबह 6 बजकर 4 मिनट पर हुआ और सूर्यास्त शाम 7 बजकर 12 मिनट पर होगा। चंद्रमा रात्रि 11 बजकर 47 मिनट पर उदय होंगे और अगले दिन दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर अस्त होंगे। ऋतु वर्षा है, जो प्रकृति के नव सृजन का समय है।
पंचांग में शुभ और अशुभ समय का भी विवरण दिया गया है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से 1 बजकर 4 मिनट तक रहेगा, जो किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए उत्तम है। वहीं राहु काल सुबह 9 बजकर 21 मिनट से 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगा, जिसमें शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
आज के दिन भरणी और कृत्तिका नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। ज्योतिष में इन नक्षत्रों का अपना विशेष महत्व है। इसके साथ ही वृद्धि और ध्रुव योग भी हैं, जो दिन को और भी शुभ बनाते हैं।
आज कृष्ण जन्माष्टमी (वैष्णव) भी है, जो भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है। इसके साथ ही नन्द उत्सव और दही हांडी का भी आयोजन किया जाएगा, जो इस पर्व को और भी उल्लासपूर्ण बनाएगा।
पंडित विष्णुदत्त शास्त्री के अनुसार शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांयकाल में तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है। इसके अलावा हनुमान चालीसा का पाठ और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय दूर होता है और बिगड़े काम बनने लगते हैं।
आज का दिन अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक आयामों से परिपूर्ण है, जो हमें जीवन में शुभता, शांति और समृद्धि की ओर ले जाते हैं।