श्रीडूंगरगढ़, 12 अगस्त 2025। राजनैतिक गलियारों में गहमागहमी है और रेत के टीलों पर एक अनिश्चितता का साया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का 14 अगस्त को बीकानेर दौरा प्रस्तावित है, लेकिन इस दौरे से पहले ही विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। ट्रक यूनियन एसोसिएशन ने डंपरों को सड़क पर उतारकर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
एसोसिएशन के चूरू अध्यक्ष हेतराम हरासर ने इस विरोध की मशाल को अलग-अलग शहरों तक पहुंचाया है। सरदारशहर, पल्लू, रावतसर, हनुमानगढ़, अर्जुनसर और लूणकरणसर में ज्ञापन सौंपने के बाद वे श्रीडूंगरगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने यूनियन के सदस्यों से मुलाकात की और प्रशासन को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
हेतराम हरासर ने बताया कि खनन विभाग ने 2017-18 से लेकर अब तक का डेटा खंगाला है और प्रत्येक ट्रक पर सात से आठ करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई है। उन्होंने कहा कि इन ट्रकों से विभाग ने पहले पेनल्टी और टोल वसूला, सारे भुगतान किए गए और अब ‘ई-रवना’ निकाला गया है। जब इसका विरोध हुआ तो विभाग ने पांच प्रतिशत भुगतान करने की बात कही, जो उचित नहीं है। पांच प्रतिशत वसूली के जो नोटिस दिए गए हैं, वे लाखों की राशि के हैं, जिसे चुका पाना संभव नहीं है।
हेतराम ने बताया कि सुजानगढ़ डीटीओ ऑफिस में उनके लगभग 600 ट्रक खड़े हैं। इसके चलते खदानों में काम करने वाले सैकड़ों श्रमिक और ट्रक ड्राइवर बेरोजगार हो गए हैं, और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
उनकी मांग है कि सरकार तत्काल प्रभाव से गाड़ी चालकों पर लगाए गए ‘ई-रवना’ में 100 प्रतिशत छूट दे, खनन विभाग की वेबसाइट पर ओवरलोड का विकल्प ही समाप्त कर दे, और गाड़ी मालिकों की सस्पेंड की गई आरसी को बहाल करे। सदस्यों ने अपनी मांगों का ज्ञापन नायब तहसीलदार सुरजीत कुमार को सौंपा।
अब देखना यह है कि सरकार इस विरोध पर क्या रुख अपनाती है। क्या रेत के टीलों पर उठ रहे सवालों का समाधान होगा, या फिर विरोध की आंच और तेज होगी? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।