गुरुवार का दिन है, और ऐसा माना जाता है कि वार का श्रवण आयु में वृद्धि लाता है। आकाश में नक्षत्र रेवती हैं, जिनका पठन पापों का नाश करने वाला माना गया है। योग शूल है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका श्रवण प्रियजनों के प्रेम को बनाए रखता है। करण गर और वणिज हैं, जिनके श्रवण से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
पंचांग के अनुसार, सूर्योदय सुबह 6:02 बजे हुआ और सूर्यास्त शाम 7:13 बजे होगा। चंद्रमा मीन राशि में है। ऋतु वर्षा है, और विक्रम संवत 2082 चल रहा है।
दिन में अभिजीत मुहूर्त 12:12 PM से 01:04 PM तक रहेगा। वहीं, कुछ समय अशुभ भी माने गए हैं, जैसे कि दुष्टमुहूर्त, कंटक, यमघण्ट और राहु काल। दिशा शूल दक्षिण दिशा में है।
ताराबल अश्विनी, भरणी, रोहिणी आदि नक्षत्रों में है, और चन्द्रबल वृषभ, मिथुन, कन्या आदि राशियों में है।
ज्योतिषीय गणनाओं के साथ ही, दिन के शुभ और अशुभ चौघड़िया भी बताए गए हैं, जो विभिन्न कार्यों के लिए उपयुक्त समय की जानकारी देते हैं।
इस दिन हल्द चन्दन षष्ठी व्रत और बलराम जयंती भी है।
पंडित विष्णुदत्त शास्त्री (8290814026) के अनुसार, गुरुवार को कुछ कार्यों से बचना चाहिए, जैसे कि सर धोना, शरीर में साबुन लगाना और कपड़े धोना, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। इसके विपरीत, चने की दाल, हल्दी और गुड़ को केले के पेड़ पर चढ़ाना और विष्णु जी की उपासना करना शुभ माना गया है। हल्दी का उबटन लगाने से दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है और कुंवारी लड़कियों को योग्य जीवनसाथी मिलता है।