आज का पंचांग
शास्त्रों में तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण के पठन और श्रवण को शुभ फलदायक माना गया है। मान्यता है कि नित्य पंचांग देखने और पढ़ने से जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
* **तिथि:** द्वितीया (प्रातः 10:35 तक)
* **नक्षत्र:** शतभिषा (दोपहर 01:01 तक)
* **करण:** गर, वणिज (प्रातः 10:35 तक)
* **पक्ष:** कृष्ण
* **योग:** अतिगंड (रात्रि 09:33 तक)
* **वार:** सोमवार
* **सूर्योदय:** प्रातः 06:01
* **चंद्रोदय:** रात्रि 08:41
* **चंद्र राशि:** कुम्भ
* **सूर्यास्त:** सायं 07:16
* **चंद्रास्त:** प्रातः 07:47
* **ऋतु:** वर्षा
* **शक सम्वत:** 1947 विश्वावसु
* **विक्रम सम्वत:** 2082
* **मास अमांत:** श्रावण
* **मास पूर्णिमांत:** भाद्रपद
* अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:12 से 01:05 तक
* राहु काल: प्रातः 07:40 से 09:20 तक
* दुष्टमुहूर्त: दोपहर 01:05 से 01:58 तक
* यमगंड: प्रातः 10:59 से दोपहर 12:38 तक
* पूर्व
सोमवार को भगवान शंकर की आराधना और अभिषेक करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इससे चंद्रमा मजबूत होता है और काल सर्प दोष का प्रभाव कम होता है। सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं। “श्री शिवाय नमस्तुभ्यम्” मंत्र का जाप करने से कष्ट दूर होते हैं।