ज्ञात हो कि अवकाश के दिनों में उपजिला अस्पताल का समय सुबह 9 बजे से 11 बजे तक रहता है। इस उम्मीद में कि उन्हें समय पर इलाज मिल जाएगा, अनेक मरीज सुबह 8:30 बजे ही अस्पताल पहुंच गए थे। लेकिन 10 बजे तक अस्पताल में सन्नाटा पसरा रहा। डॉक्टर कक्ष और अन्य सुविधा खिड़कियां बंद थीं।
इस स्थिति से परेशान मरीजों और उनके परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और अपनी नाराजगी व्यक्त की। एक पिता, जो अपने घायल बेटे को लेकर अस्पताल पहुंचे थे, ने बताया कि उन्हें इमरजेंसी में भी किसी डॉक्टर या कर्मचारी का सहयोग नहीं मिला। लगभग डेढ़ घंटे इंतजार करने के बाद, वे अपने बेटे को बेहतर इलाज के लिए पीबीएम अस्पताल ले जाने के लिए मजबूर हो गए।
हालांकि, सुबह 10 बजे के बाद कुछ डॉक्टर अपनी सीटों पर पहुंचे और पर्ची काउंटर तथा दवा वितरण केंद्र भी खुल गए, जिससे मरीजों को थोड़ी राहत मिली।
यह उल्लेखनीय है कि उपजिला अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर पहले भी कई शिकायतें सामने आती रही हैं। आम जनता लगातार अस्पताल की व्यवस्था में सुधार की मांग कर रही है, ताकि उन्हें समय पर और बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। अब देखना यह है कि प्रशासन इस घटना पर क्या संज्ञान लेता है और अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने के लिए क्या कदम उठाता है।