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समारोह मनाने स्कूल के खेल मैदान में नहीं घुसने दिया कब्जाधारी ने, पुलिस से की सख्त कार्रवाई की मांग

श्रीडूंगरगढ़, 16 अगस्त 2025। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर जहाँ पूरा देश देशभक्ति के रंग में रंगा था, वहीं श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के समंदसर गाँव में एक अप्रिय घटना सामने आई। गाँव में उस समय तनाव व्याप्त हो गया जब ग्रामीणों, विद्यालय स्टाफ और छात्रों को विद्यालय के खेल मैदान में ध्वजारोहण करने से रोक दिया गया।

दरअसल, श्रीडूंगरगढ़ अंचल के कई गाँवों में गोचर, जोहड़, पायतन और अराजीराज भूमि पर अवैध कब्ज़े की खबरें अक्सर आती रहती हैं। इसी कड़ी में समंदसर गाँव में शुक्रवार को एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, समंदसर के विद्यार्थी, शिक्षक और ग्रामीण जब स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विद्यालय के खेल मैदान में झंडा फहराने के लिए एकत्रित हुए, तो उन्हें कथित तौर पर एक व्यक्ति द्वारा मैदान में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस घटना से नाराज़ ग्रामीणों ने सरपंच प्रशासक धन्नीदेवी और प्रधानाचार्य के साथ मिलकर थानाधिकारी को एक शिकायत पत्र सौंपा है। इस शिकायत में खेल मैदान को विद्यालय के अधिकार में वापस दिलाने की मांग की गई है।

ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत की अराजीराज भूमि, खसरा नंबर 898/544 में से 2.02 हेक्टेयर भूमि वर्ष 2018 में तत्कालीन जिला कलेक्टर द्वारा रात्रि चौपाल में सरकारी स्कूल के खेल मैदान के लिए आवंटित की गई थी। ग्रामीणों के अनुसार, इस भूमि के लिए आवश्यक मौका रिपोर्ट, नक्शा और पटवारी रिपोर्ट की कार्रवाई भी पूरी की जा चुकी है।

ग्रामीणों का आरोप है कि सांगरसर निवासी एक व्यक्ति ने इस भूमि पर कब्ज़ा कर लिया है और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्हें मैदान में प्रवेश करने से रोक दिया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि कब्ज़ाधारी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और मैदान में लगाए गए पौधों को भी उखाड़ फेंका।

ग्रामीणों ने पुलिस से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और कब्ज़ाधारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने खेल मैदान को खाली करवाकर विद्यालय को सौंपने की भी अपील की है, ताकि विद्यार्थियों को खेलने और अन्य गतिविधियों के लिए पर्याप्त स्थान मिल सके। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और ग्रामीणों को न्याय कैसे मिलता है। यह घटना निश्चित रूप से भूमि अतिक्रमण के गंभीर मुद्दे पर प्रकाश डालती है और इस समस्या के समाधान की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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