श्रीडूंगरगढ़, 12 अगस्त 2025: श्रीडूंगरगढ़ की कृषि मंडी में आज अनाज और अन्य जिंसों के भाव में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। मंडी में चहल-पहल बनी रही, किसान और व्यापारी अपनी-अपनी उपज लेकर पहुंचे और भाव-ताव करते नज़र आए।
मंडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ग्वार का भाव 4950/- से 5025/- रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि पुराने ग्वार का भाव 4600/- से 4800/- रुपये के बीच रहा। नए मोठ का भाव 4000/- से 5270/- रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
चने की बात करें तो, इसका भाव 5300/- से 6000/- रुपये रहा, जबकि रूसी चना 5600/- से 6101/- रुपये प्रति क्विंटल बिका। नई मेथी का भाव 4300/- से 4711/- रुपये प्रति क्विंटल रहा।
गेहूं 2550/- से 2851/- रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिका, वहीं बाजरी का भाव 2450/- से 2550/- रुपये प्रति क्विंटल रहा। देसी बाजरी की आवक आज मंडी में नहीं देखी गई।
नए तारामीरा का भाव 5400/- से 5500/- रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि नई सरसों 5800/- से 6400/- रुपये प्रति क्विंटल बिकी। पीली सरसों का भाव 6300/- से 7200/- रुपये प्रति क्विंटल तक रहा।
ईसबगोल के नए भाव 7500/- से 9500/- रुपये प्रति क्विंटल रहे, जबकि नए जीरे का भाव 15000/- से 17300/- रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। नए मूंग का भाव 6000/- से 6500/- रुपये प्रति क्विंटल रहा।
मूंगफली खला नया 4600/- से 5001/- रुपये प्रति क्विंटल, मूंगफली चुगा नया 4000/- से 4700/- रुपये प्रति क्विंटल, मूंगफली दाल 5200/- से 6001/- रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली कल्याणी 3500/- से 4500/- रुपये प्रति क्विंटल बिकी। मूंगफली बोबरू का भाव 3500/- से 4200/- रुपये प्रति क्विंटल रहा, वहीं मूंगफली गोटा फ्रेश 6500/- से 6800/- रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिकी। मूंगफली सिकाई की आवक आज मंडी में नहीं हुई।
तिल का भाव 7000/- से 8300/- रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि मतीरा बीज 15000/- रुपये प्रति क्विंटल और काकरिया बीज 12000/- रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिका।
जौ नया 2000/- से 2100/- रुपये प्रति क्विंटल और नई खल (जानकी ब्रांड) 3800/- से 4300/- रुपये प्रति क्विंटल बिकी। मूंग चूरी 40 किलो की 900/- से 1200/- रुपये और मोठ चूरी 40 किलो की 850/- से 1000/- रुपये के भाव पर बिकी। नया धाना 4500/- से 9800/- रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिका।
मंडी में आज नरमा की आमदनी नहीं हुई।
मंडी में जिंसों के भाव में यह बदलाव किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में बाजार किस दिशा में जाता है और इसका कृषि समुदाय पर क्या प्रभाव पड़ता है।