दूर अमेरिका के न्यूयार्क शहर में भी तीज की छटा बिखरी। जानकारी के अनुसार, श्रीमती सोमाणी ने बताया कि उनकी पुत्री, रचना सोमाणी ने वहां पारंपरिक अंदाज में तीज मनाई। राजस्थानी परिधानों से सजे लोग, लोकगीतों की मधुर धुनें और पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू – ऐसा लग रहा था मानो न्यूयार्क में एक छोटा सा राजस्थान उतर आया हो।
भारत में, इंदौर शहर में भी तीज की धूम रही। सरला देवी सोमाणी ने अपनी पुत्रवधु के साथ मिलकर यह त्योहार मनाया। गीत-संगीत और पारंपरिक पकवानों की खुशबू से पूरा घर उत्सवमय हो गया। परिवार के सदस्यों का एक साथ मिलकर त्योहार मनाना, रिश्तों को और भी मजबूत करता है।
कस्बे की महिला एडवोकेट, दीपिका करनाणी ने अपने ससुराल जयगांव में परिवार की महिलाओं के साथ तीज मनाई। इस अवसर पर दीपिका ने कहा, “तीज सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति का उत्सव है। राजस्थानी चाहे कहीं भी हो, वह तीज मना कर अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है।” उनके शब्दों में तीज के प्रति गहरा सम्मान और अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम झलकता है।
तीज, वास्तव में, देश-विदेश में बसे राजस्थानियों के लिए सिर्फ एक पर्व नहीं है, बल्कि अपनी परम्पराओं को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। यह त्योहार राजस्थानी संस्कृति को जीवंत रखने और अपनी जड़ों से जुड़े रहने का एक सुंदर प्रतीक है। यह एक ऐसा धागा है जो दूर देशों में बसे राजस्थानियों को भी अपनी मिट्टी से जोड़े रखता है।