आसमान में बादल तो उमड़ रहे हैं, लेकिन धरती प्यासी है। श्रीडूंगरगढ़ के खेतों में सावन सूखा बीत रहा है, और किसानों की निगाहें आसमान की ओर टिकी हैं। बारिश की आस में बोई गई फसलें अब बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण दम तोड़ने लगी हैं। अंचल में मूंगफली की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, और किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है।
बुधवार को समंदसर गांव में किसानों का दर्द आक्रोश में बदल गया। गांव के जीएसएस (विद्युत उपकेंद्र) के बाहर ग्रामीण इकट्ठा हुए और बिजली की पूरी आपूर्ति की मांग को लेकर ज़ोरदार प्रदर्शन किया। किसानों का कहना था कि बिजली के अभाव में खेतों में खड़ी फसलें सूख रही हैं, और उनकी मेहनत बर्बाद हो रही है।
आक्रोशित किसानों ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यदि जल्द ही बिजली की आपूर्ति सुचारू नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। किसानों ने गुरुवार को भी जीएसएस का घेराव करने और प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है।
यह घटना श्रीडूंगरगढ़ के किसानों की उस पीड़ा को उजागर करती है, जो वे हर साल अनियमित मानसून और बिजली की कमी के कारण झेलते हैं। सवाल यह है कि क्या उनकी आवाज सुनी जाएगी और क्या उनकी समस्या का कोई समाधान निकलेगा? किसानों की उम्मीदें अब विद्युत विभाग और सरकार की ओर टिकी हैं।