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तीज माता की सवारी आज और कल, कच्चे जोहड़ की सफाई की मांग

तीज माता की सवारी श्रीडूंगरगढ़ की संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि सामाजिक समरसता और सामुदायिक भावना का भी प्रतीक है। हर साल यह आयोजन पूरे कस्बे को एक सूत्र में बांधता है।

प्रवीण सेवग के अनुसार, सवारी का शुभारंभ 12 और 13 अगस्त को सायंकाल 5 बजे नगरपालिका भवन से होगा। यह परंपरागत मार्ग से होते हुए, हाई स्कूल से गुजरेगी और फिर कच्चे जोहड़ की ओर प्रस्थान करेगी। यह मार्ग न केवल कस्बावासियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह तीज माता के प्रति उनकी गहरी आस्था का भी प्रतीक है।

आयोजकों ने नगरपालिका से यह आग्रह किया है कि कच्चे जोहड़ और उसके आसपास के क्षेत्र की विशेष सफाई करवाई जाए। उनका मानना है कि स्वच्छ वातावरण में ही श्रद्धालु पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ उत्सव का आनंद ले पाएंगे। यह मांग न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर की गई है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति उनकी जागरूकता को भी दर्शाती है।

इस ज्ञापन को सौंपने के दौरान बाबूलाल सेवग, अजय तेजी, रमेश पारीक, मुरली नाई, तेजाराम नाई, कैलाश सोनी जैसे कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति यह दर्शाती है कि यह आयोजन पूरे कस्बे के लिए कितना महत्वपूर्ण है और इसे सफल बनाने के लिए सभी कितने समर्पित हैं।

तीज माता की सवारी श्रीडूंगरगढ़ के लोगों के लिए एक ऐसा अवसर है, जब वे अपनी रोजमर्रा की चिंताओं को भूलकर एक साथ आते हैं और उत्सव मनाते हैं। यह परंपरा न केवल हमारी संस्कृति को जीवित रखती है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को भी अपनी जड़ों से जोड़े रखती है। यह आयोजन श्रीडूंगरगढ़ की पहचान है, एक ऐसा उत्सव जो आस्था, संस्कृति और सामुदायिक भावना का एक सुंदर संगम है।

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