श्रीडूंगरगढ़ ONE 22 जुलाई 2025। जिन युवा कंधो को परिवार, देश व समाज की जिम्मेदारियां अपने कंधो पर उठानी थी वे आज दूसरों के कंधो के सहारे अंतिम यात्रा पर निकल पड़े है। देर रात हाइवे पर हुए हादसे के बाद पूरा अंचल शोक में डूबा है। हर गली नुक्कड़ ही नहीं हर घर में हादसे की ही चर्चा हो रही है और कारों की तेज स्पीड को, फॉर लाइन हाइवे नहीं होने को कोसा जा रहा है। पांचों ही युवकों की उम्र 25 साल से कम थी और एक साथ क्षेत्र में इतनी जवान मौतें देख, क्षेत्र में हर व्यक्ति गमजदा है। लोग भले ही इन मृतक युवाओं के परिवारों से जुदा है, भले ही इन्हें जानने वाले भी ना हो पर इस हादसे का गम क्षेत्र में सबका साझा गम हो गया है।
मौत ने बुलाया मामा भुआ के भाइयों को…
श्रीडूंगरगढ़ ONE। चर्चा है कि मौत ने जैसे तीन मामा भुआ के भाईयों और एक दोस्त को उस स्थान पर बुलाया था। चारों ही पढ़ाई करने वाले युवक थे। श्रीडूंगरगढ़, प्रताप बस्ती निवासी मदन पुत्र भंवरलाल सारण के सगे मामा का लड़का मनोज पुत्र ओमाराम जाखड़, व इसके ही परिवार का दिनेश पुत्र पेमाराम जाखड़ और एक इनका दोस्त अभयसिंहपुरा निवासी करण पुत्र भागीरथ जाखड़ अकाल मौत का शिकार हुए है। ये युवक इसी कार में सोमवार को सीकर से आए व अपने एक दोस्त को श्रीडूंगरगढ़ छोड़कर पुन: श्रीडूंगरगढ़ से गांव बिग्गा लौट रहें थे। मदन ने अपनी माँ को फोन करके कहा कि पापा से कह देना मैं आज रात बिग्गा ही सोऊंगा। चारों यहां से रवाना हुए व तेज स्पीड में सामने आ रही एक कार से भिड़ गए। मामा भुआ के परिवारों में ही नहीं पूरे गांव में शोक की लहर छा गई है। क्षेत्र के चारों मृतक युवक अक्सर साथ रहते और करनी माता, खाटू श्यामजी सहित अनेक यात्राएं भी साथ ही की थी। अंतिम पथ पर चारों साथ ही निकल गए और पीछे छोड़ गए कुछ अधूरे सपने, घर परिवार की जिम्मेदारियां और बिलखते हुए परिजन। बिग्गा, अभयसिंहपुरा व श्रीडूंगरगढ़ सहित नापासर में भी शोक की लहर छा गई है।
मनोज की माँ ने पति के बाद खोया बेटे को, दिनेश था माता पिता का सहारा।
श्रीडूंगरगढ़ ONE। मनोज व दिनेश दोनों एक ही परिवार के युवा थे। अक्सर दोनों साथ रहते थे। होनहार थे और दोनों ही सरकारी नौकरी की तैयारी में जुटे थे। मनोज के पिता का देहांत कुछ समय पूर्व डिग्गी में हुए एक हादसे में हो गई। वह तीन भाई बहनों में सबसे बड़ा था। एक छोटे भाई व एक बहन की जिम्मेदारी उसी पर थी और वह रीट की परीक्षा की तैयारी में जुटा था। चार दिन पहले आई वैकेंसी को लेकर वह आशान्वित था। मनोज की माँ पति के बाद बेटे को असमय खोकर बेसुध सी हो गई है। वहीं काश्तकार पिता का सहारा दिनेश भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। दिनेश के दो बड़े भाई रोजगार के लिए बाहर रहते है और माता पिता के पास दिनेश ही रहता था। ऐसे में माँ बाप अपने बुढ़ापे की लाठी खो देने से बेहाल है।
यूट्यूबर था करन, बाइक राइडिंग का रखता था शौक।
श्रीडूंगरगढ़ ONE। अभयसिंहपुरा निवासी करन नाथ जिंदादिल युवक था। वह बाइक राइडिंग का शौक रखता था और तीन सप्ताह पूर्व ही दिनेश व मनोज के साथ कैदारनाथ की यात्रा कर लौटा था। उसने यूट्यूब पर राइडर करन सिद्ध के नाम से चैनल भी बना रखा था। करन ने इस यात्रा के अनेक वीडियो भी अपलोड किए। वे इसी गाड़ी से मनाली टूर पर भी गए। अक्सर यात्राओं में ये साथ ही रहते थे। वह यात्रा से संबंधित बड़ा ब्लॉगर बनना चाहता था। अब परिजन उसके वीडियो देखकर कलेजे को थाम रहें है।
छोटे बहन भाइयों के लाडला भैया था मदन, बिलखते रह गए पिता।
श्रीडूंगरगढ़ ONE। मदन अपने दो छोटे भाई व बहन का लाडला भैया थो और उसकी मौत के बाद उसके पिता बिलख रहें है। वे रात भर से मोर्चरी के पास ही बैठे रहें और बार बार मदन को याद कर बार बार रो पडे़। मदन एक बड़ा कोचिंग सेंटर खोलने का सपना बुन रहा था। वह अक्सर अपने भाई को खूब पढ़ा लिखाकर डॉक्टर या इंजीनियर बनाने का सपना देखता था।
मिलनसार और हंसमुख था मल्लूराम, नापासर में माहौल गमगीन।
श्रीडूंगरगढ़ ONE। नापासर निवासी मिलनसार और हंसमुख था मल्लूराम उर्फ भार्गव। ये दोस्त खाटू श्याम दर्शन कर नापासर लौट रहें थे। मल्लू चार भाइयों में सबसे छोटा व लाडला था। वह नापासर में ही डीजे व रथ का कार्य करता था। इन्होंने श्रीडूंगरगढ़ में एक होटल पर खाना खाया और यहां से रवाना होते ही दुर्घटना का शिकार हो गए। ग्रामीणों ने बताया मल्लू खूब मिलनसार व हंसमुख व्यक्तित्व था।
हादसे की भयावहता देख, हर कोई हुआ हैरान।
श्रीडूंगरगढ़ ONE। एक दुर्घटना में एकसाथ पांच युवाओं की मौत से क्षेत्र में शोक की लहर छा गई है। सभी परिजन अपने युवा बच्चों को हादसे की भयावहता के बारे में जानकारी दे रहें है। वहीं स्पीड मीटर व कार की हालत देखकर हर कोई हैरान है। सीओ निकेत पारीक रात को मौके पर पहुंचे व बचाव कार्य उनके निर्देशन में हुए। पूरा पुलिस जाप्ता व आपणो गांव सेवा समिति तथा एपीजे अब्दुल कलाम वेलफेयर सोसायटी के सदस्य घायलों की मदद के लिए जुटे रहें। पुलिस ने दोनों गाड़ियों को थाना परिसर में खड़ा करवाया है। एक गाड़ी का स्पीड मीटर 130 पर अटका हुआ है। एक कार की स्पीड 100 थी और दोनों गाड़ियों की मिलाकर 230 की स्पीड से टक्कर में हुए मानव जीवन की क्षति पर हर कोई हैरान है।