यह मामला 25 मई 2009 की रात का है, जब सूडसर निवासी सुरजाराम जाट और उनके भांजे मघाराम की कथित तौर पर सोते समय हमला करके हत्या कर दी गई थी। परिवादी जगदीश पुत्र सुरजाराम की ओर से वकील बाबूलाल दर्जी ने पैरवी की।
दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, जगदीश जाट के पिता सुरजाराम, भांजे मघाराम, मां और छोटी बहन ढाणी में सो रहे थे, तभी आरोपियों ने लाठी और सरियों से हमला कर दिया। इस हमले में सुरजाराम की बीकानेर ले जाते समय मौत हो गई, जबकि मघाराम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। परिवादी जगदीश समेत अन्य लोग भी घायल हुए थे।
जिन नौ आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, वे हैं: गोपालराम पुत्र सुगनाराम, नंदराम पुत्र लिखमाराम, लाछीदेवी पत्नी लिखमाराम, भगवानाराम पुत्र लिखमाराम, रामप्रताप पुत्र गोपालराम, गोमती पत्नी गोपालराम, हुक्माराम पुत्र गोपालराम, जो सभी सूडसर के निवासी हैं, और श्रीराम व हीराराम पुत्र सुगनाराम, जो ठुकरियासर के निवासी हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना जमीन के विवाद से जुड़ी हुई थी। पुलिस ने इस मामले में हत्या और हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। अदालत ने पुलिस जांच, गवाहों और सबूतों के आधार पर यह फैसला सुनाया है। इस मामले में एक ही परिवार के सदस्यों के शामिल होने की बात सामने आई है।